गिरिडीह शहरी क्षेत्र में करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर उत्तरवाहिनी उसरी नदी के तट पर स्थित दुखहरण नाथ मंदिर में श्रावण मास की प्रथम दिन व प्रथम सोमवारी को लेकर जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह 5 बजे से ही दुखहरण नाथ मंदिर में भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतार लगी रही।इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान रहा।
मंदिर से जुड़े पुजारियों ने सावन की पहली सोमवारी पर अहले सुबह से ही जलाभिषेक के लिए उमड़ने वाले भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए व्यवस्था की थी। मंदिर के पुजारी पप्पू पंडित ने बताया कि सोमवारी के मौके पर अहले सुबह से ही हजारों की संख्या में भक्त जलाभिषेक के लिए दुखहरण नाथ आते हैं। कहा कि उत्तरवाहिनी नदी के तट पर स्थित होने के कारण दुखहरण नाथ मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है।
यहां पर भक्तों की मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती हैं। और बाबा लोगो के दुख को हरते है इसलिए लोग इनको दुखहरण नाथ के नाम से जाना जाता है। गिरिडीह के लोगों की बाबा दुखहरण नाथ में काफी आस्था है और लोग बाबा को दुखिया महादेव के नाम से भी पुकारते है।