रामनवमी पर्व के मद्देनजर विधि व्यवस्था संधारण एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने को लेकर उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, गिरिडीह के द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार रामनवमी पर्व दिनांक 10 अप्रैल , 2022 एवं दिनांक 11.04.2022 को चैती नवरात्र त्योहार मनाया जाना है। रामनवमी पर्व के अवसर पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अखाड़ा/जुलूस/मेला/मंच आदि का आयोजन किया जायेगा एवं विधि व्यवस्था संधारण हेतु जुलूस/अखाड़ा/मेला/मंच जैसे गतिविधियों पर कठोर निगरानी रखने की आवश्यकता है।रामनवमी का जुलूस में 100 व्यक्तियों के साथ निकालने एवं मिलन समारोह स्थल पर 1000 व्यक्तियों की अनुमति दी गई है। रामनवमी पर्व एवं चैती नवरात्र पर्व शांतिपूर्वक एवं सदभाव पूर्ण से सभी के सहयोग से मनाने का निर्णय लिया गया है।
1. रामनवमी पर्व के संबंध में निम्नांकित विन्दुओं पर ससमय कार्रवाई सुनिश्चित करना।रामनवमी पर्व के अवसर पर पूर्व के संवेदनशील स्थानों पर पैनी नजर रखना। पूर्व में रामनवमी के अवसर पर हुए विवाद/घटना स्थलों पर संवेदनषील रहना।
2. पूजा स्थल/धार्मिक स्थल के विवादास्पद स्थल पर चौकसी बरतना। क्षेत्रों में भड़काउ एवं उन्माद फैलाने वाले Whatsapp Admin को चिन्हित करना। यदि कोई Facebook पर आपत्तिजनक पोस्ट करता हो तो उसका ब्योरा संधारित। थानावार असामाजिक तत्वों की सूची मोबाइल नम्बर सहित सूची दो भाग में ( अति सकिय / सकिया ) संधारित करना।
3. पशु तस्करों की सूची नाम , पता , मोबाइल नम्बर सहित संधारित करना। अवैध वधशाला की सूची संचालकों के नाम , पता , मोबाइल नम्बर के साथ तैयार रखना। अवैध शराब कारोबारियों की सूची नाम , पता , मोबाइल नम्बर संधारित करना। वैसे व्यक्तियों की सूची जो शराब पीकर मारपीट या विधि – व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करते हैं , उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करना।
4. वैसे लोगों की सूची तैयार करना , जिनके कारण विवाद उत्पन्न हुआ हो या होने की सम्भावना है। प्रखण्ड / अनुमण्डल/जिला स्तर पर गठित नियंत्रण कक्ष को विधि – व्यवस्था संबंधित सूचनाओं को उपलब्ध कराना।
5. प्रत्येक पूजा जुलूस / अखाड़ा / धार्मिक स्थल का ब्योरा एकत्रित करना ० जुलूस / अखाड़ा के प्रमुख 2-3 सदस्यों का नाम एवं मोबाइल नम्बर संधारित करना। प्रत्येक जुलूस / अखाड़ा आयोजकों के द्वारा 10-10 volunteer विवरणी के साथ तैयार करना। पूर्व में जुलूस / अखाड़ा से संबंधित कोई घटना यदि हुई हो तो उसका संक्षिप्त विवरणी।
6. सभी जुलूस / अखाड़ा स्थल की सूची। यातायात की समस्या / पार्किंग की व्यवस्था। जुलूस/अखाड़ा से संबंधित कोई विवादित स्थल। छेड़खानी छिनतई के सम्भावित क्षेत्र / स्थान पर नजर रखना। जुलूस/अखाड़ा से संबंधित आपातकालीन व्यवस्था फायर फाइटिंग , इमरजेंसी लाईट ( जेनरेटर ) , पब्लिक एडरेसिंग सिस्टम की व्यवस्था , महिलाओं बच्चों के लिए प्रवेश एवं निकासी द्वार की व्यवस्था। सभी संवेदनशील , अतिसंवेदनशील स्थानों को चिन्हित करते हुए वहां विशेष आसूचना संकलन एवं निगरानी की व्यवस्था किया जाना। सभी जुलूस/अखाड़ा में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतने हेतु पूजा समितियों को तथा नागरिकों को आपदा प्रबंधन अधिनियमों का अक्षरश : अनुपालन हेतु जागरूक किया जाना नियमों का उल्लंघन करने वालो पर सख्त कार्रवाई करना। Social Media & Whatsapp Group , Facebook , Instagram , Twitter account आदि पर पैनी नजर रखना। जुलूस/अखाड़ा/पूजा के दैरान पूजा स्थल/धार्मिक स्थल में अवैध रूप से विद्युत कनेक्शन की जाँच करना। जुलूस/अखाड़ा स्थलों पर CCTV को पूर्ण रूप से अधिष्ठापन करना। डी.जे. साउण्ड आदि प्रतिबंधित रखना/मालिकों से घोषणा पत्र भरवाना। ऐसे व्यक्तियों जो पूर्व में दंगा एवं साम्प्रदायिक काण्डों में संलिप्त / आरोपित रहे हों या किसी व्यक्ति विशेष के बारे में यह जानकारी हो कि वह व्यक्ति साम्प्रदायिक दंगा या अफवाह फैलाते हो तो ऐ व्यक्तियों की सूची साथ रखें एवं वांछित विधिमान्य कार्रवाई करें। विभिन्न संगठनों के वैसे प्रमुख गणमान्य व्यक्ति जो निष्पक्ष , ईमादार एवं स्वच्छ चरित्र के हो , जिन्हें संबंधित समाज के लोग आदर व सम्मान देते हो तथा उनके विचारों को अनुशासनिक तौर पर मानते हो का दूरभाष नम्बर अपने पास रखें एवं उनके सम्पर्क में रहे। जिला में कार्यरत/कियाशील एन.जी.ओ. जो विशेष कर धार्मिक गतिविधियों से संबंध रखता हो , उसकी सूची नाम / पता एवं दूरभाष संख्या सहित उपलब्ध रहनी चाहिए। जिला प्रशासन सोशल मीडिया ग्रुप पर भी निगरानी रखेंगे। वाट्सअप , फेसबुक , ट्विटर आदि के माध्यम से प्रचारित/प्रसारित होने वाले विवादित तस्वीरों एवं संवादों पर निगरानी रखने की आवश्यकता। पशु तस्करी, अवैध बूचडखाना पर रोक लगाई जाय। अवैध शराब एवं जुआ अड्डो के विरूद्ध आवश्यक विधिपूर्वक कार्रवाई की आवश्यकता है। वैसे स्थान विशेष पर सतत निगरानी की आवश्यकता है , जहाँ पर आये दिन छेड़खानी होती हो या होने की संभावना हो। शहरी क्षेत्रों में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से दूरभाष पर सम्पर्क में रहे। व्यवसायियों के प्रतिनिधि के तौर पर वे कार्यरत रहते है और स्थानीय सामाजिक व्यवस्था पर उनकी निगरानी बनी रहती है। सभी थाना प्रभारी को सख्त निर्देश दिये गए कि छोटी-छोटी घटनाओं/समस्याओं का भी समाधान अविलम्ब विवेकपूर्ण ढंग से करें। लाउडस्पीकर/डी.जे पर बजाये जाने वाले उतेजक/भड़काउ/अश्लील गाने, भाषण एवं नारे को सख्ती से रोका जाय। लाउडस्पीकर से प्रसारित ध्वनि की तीव्रता एवं तारत्त्व ( Intensity and pitch ) को निर्धारित की जाय विशेषतः रात्रि में लाउडस्पीकर के दुरूपयोग को रोका जाय। संकलित संवेदनशील स्थानों की सूची , उन्मादी / अतिमहत्वाकांक्षी साम्प्रदायिक तत्वों एवं अन्य बिन्दुओं पर दिये गये निर्देशों के आलोक में कियाशील होने एवं निगरानी रखने की आवश्यकता है। अति संवेदशील स्थानों पर सी.सी.टी.वी./ड्रोन कैमरा द्वारा निगरानी रखा जाय। सार्वजनिक स्थलों पर व्यक्तियों के द्वारा 06 फीट की दूरी का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। मूर्ति विसर्जन के दौरान जुलूस का आयोजन के समय जिला प्रशासन के द्वारा निर्धारित स्थल में मूर्ति का विसर्जन करना होगा। आयोजक एवं पूजा में सम्मिलित होनेवाले व्यक्तियों को अधोहस्ताक्षरी एवं स्थानीय प्रशासन के दिशा निदेशों का पालन करना अनिवार्य होगा। सभी अनुमंडल पदाधिकारी , अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी , प्रखण्ड विकास पदाधिकारी , अंचल अधिकारी एवं थाना प्रभारी द्वारा उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन अपने प्रशासनिक क्षेत्र में करायेंगे। वैसे सभी व्यक्तियों जिनके द्वारा उक्त आदेशों का पालन नहीं किया जाता हैं उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं IPC की धारा 188 एवं अन्य संगत कानूनी प्रावधानों के आलोक में कार्रवाई की जायेगी।