गिरिडीह झारखण्ड धर्म

माँ सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम स्वरूप देने में जुटे मूर्तिकार, गिरिडीह में मूर्ति बनाने वर्दमान से आते हैं कारीगर

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गिरीडीह। विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा आगामी 14 फरवरी को होगी. सरस्वती पूजा मनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है. पूजा की तैयारी को लेकर विद्यार्थी वर्ग और विभिन्न छात्र संगठन में उत्साह का माहौल है. वहीं पूजा को लेकर मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम स्वरूप देने में लगे हुए हैं.

गिरिडीह शहरी क्षेत्र के मोहलीचुवा, अंटा बंगला और मकतपुर समेत अन्य जगहों में मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुटे मूर्तिकार प्रतिमा की साज सज्जा में लगे हुए हैं. गिरीडीह के मोहलीचुवा में मूर्तिकार सपन पाल द्वारा प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मूर्ति निर्माण में लगे मूर्तिकार सपन पाल ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के वर्दमान के रहने वाले हैं.

लगभग 30 वर्षों से वह गिरीडीह आ रहे हैं और मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस काम में उनके भाई एवं अन्य कारीगर उनका साथ देते हैं. बताया कि लगभग दो महीने से मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुटे हुए हैं और उन्होंने 160 से 170 मूर्तियां तैयार की हैं. मूर्तिकार सपन पाल ने कहा कि इनके यहां 12 सौ से लेकर 10 हजार तक की मूर्ति तैयार की गई है.

इनके यहां की बनाई गई मूर्तियां काफी सुंदर होती हैं और पूरे जिले भर से लोग मूर्ति खरीदने यहाँ पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि मूर्ति निर्माण कार्य कर ही वह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.