गिरिडीह झारखण्ड

श्रेय क्लब ने जमीनी स्तर पर काम करने वाली स्वास्थ्यकर्मी महिलाओं को किया सम्मानित

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्रेय क्लब की टीम ने वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में जमीनी स्तर पर खतरों के साए में काम करने वाली स्वास्थ्यकर्मी महिलाओं को इनके बीच जाकर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जब महिलाओं के सम्मान की बात आती है तो इनके योगदान के अनुसार वैसे शब्द ही नहीं होते जिसमें पिरोकर कोई वक्तव्य तैयार किया जा सके। एक परिवार भी तब ही संभलता, सवंरता या सजता है जब महिलाओं का योगदान इसमें निहित हो, साथ ही घर के बाहर महिलाओं के लिए अवसरों की कमी और विपरीत परिस्थितियों के बीच समाज में अपने लिए जगह बना पाना और समाज के लिए कार्य करना भी कठिन है पर आज के दौर में महिलाएँ बखूबी ये जिम्मेदारियां निभा रही हैं।
एक दौर ऐसा भी था जब पूरा विश्व बिल्कुल थम सा गया था और कोरोना का कहर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा था।
इस दौर में स्वास्थ्य सेवाएँ तो जारी थी पर जहाँ निजी संस्थानों में फ्रंट लाइन पर काम करने वालों को सुरक्षा किट या अन्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही थी वहीं सरकारी संस्थाओं में सेवाएँ देने वाली नर्स, महिला सफाईकर्मी और कुछ डॉक्टर बिना किसी सुरक्षा इंतजाम अपनी जान को दांव पर लगाए अपनी सेवाएँ निरंतर दिए जा रही थी। हमारे गिरिडीह शहर की बात करें तो शहर के दो सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कई नर्स और सफाईकर्मी ऐसी भी हैं जो आउटसोर्सिंग पर बहाल की गई हैं और जिनका वेतन भी न्यूनतम मजदूरी के दायरे से काफी दूर है। कइयों का वेतन 6-8 महीने के बाद ही मिलता है, यहाँ तक कि कोरोना काल में भी इनमें से कइयों के वेतन का भुगतान समय पर नहीं किया गया। बावजूद इसके पूरी निष्ठा के साथ इन महिला नर्स और सफाईकर्मियों ने अपनी सेवाएँ लोगों को प्रदान करती रहीं। कोरोना संक्रमित लोगों के ईलाज में अपनी सेवाएँ प्रदान करने के क्रम में इनमें से कई नर्स खुद भी कोरोना पॉजिटिव होकर कोरंटिन रहीं, और कोरोना पर विजय पाकर वापस आते ही फिर से अपनी सेवाएँ लोगों को देने लगीं। अक्सर ये देखा गया गया है कि जो सही मायने में सम्मान पाने के हकदार हैं उनपर ही लोगों की नजरें नहीं पड़ती हैं। रमेश यादव के नेतृत्व में श्रेय क्लब की टीम जो खुद भी जरूरतमंद लोगों के लिए पिछले 17-18 वर्षों से बिल्कुल जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
इनके द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यह प्रयास किया गया कि इन महिलाओं को जो कोरोना काल में या सामान्य परिस्थितियों में भी वास्तविक रूप से बिल्कुल जमीनी स्तर पर कार्य करतीं हैं और केवल घर के बाहर ही नहीं बल्कि इन परिस्थितियों में भी घर की जिम्मेदारियों को निभाती रहतीं हैं इन्हें इनके कार्यों के लिए धन्यवाद स्वरूप प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस मौके पर श्रेय क्लब के सचिव रमेश यादव के साथ प्रभाकर, अजय कुमार, सोमनाथ केशरी, अमित यादव, आकाश कांत, सालू गुप्ता, पायल रानी आदि उपस्थित थे तथा विपरीत परिस्थितियों में भी सेवाएँ प्रदान करने वाली सफाईकर्मी जेठानी, सिया, मीना देवी, सरस्वती, कविता, सालो देवी, फुदनी देवी, मीणा मुर्मू, मोहनी देवी, दीपा देवी, मालती मुर्मू, मंजू देवी, चंकी देवी, अंजनी देवी, जमुनी देवी, शकुंतला देवी एवं सिस्टर सरिता सिन्हा, नीलू किस्पोट्टा, सावित्री टोप्पो, सुभ्रा रॉय, सुलक्षणा पंडित, सीमा कुमारी, प्रिया, नहफिल, किरण ज्योति, पुष्पा कुमारी, सुधा हाँसदा, सावित्री कुमारी, मैरी, सुबैदा खातून, सुषमा, राबिया, सुमित्रा, सपना, शीतल, नीलम बाखला, रूपा, फिलोमीना, सोनी, प्रीतिलता, सिसिलया, स्वेता वर्मा, ऋचा अम्बस्टा, राधिका देवी, फ्लोरेंसिया बारा, सुशीला मुर्मू, फहमीदा खातून, निधि वर्मा तथा डॉ सर्जना शर्मा, सुनीला सिंह, मेघा शर्मा को धन्यवाद स्वरूप प्रशस्ति पत्र दिया।