गिरिडीह के बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बुधवार को गुरुपूर्णिमा उत्सव धूमधाम से मनाया गया।प्रधानाचार्य शिव कुमार चौधरी,राजीव सिन्हा एवं राजीव रंजन ने संयुक्त रुप से महर्षि वेदव्यास के समक्ष दीप जलाकर पुष्प अर्पित किया।
प्रधानाचार्य ने कहा कि आज के दिन की प्रासंगिकता कुछ और है। गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन है।गुरु शब्द अपने आप में व्यापक है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। आज के आधुनिक समय में किसी भी कामयाब व्यक्ति के जीवन पर नजर डालें तो यह स्पष्ट नजर आता है कि उसको सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाने में उसके शिक्षक का अनमोल योगदान रहा है।इस महान परंपरा के अंतर्गत गुरु अपने शिष्य को शिक्षा के साथ-साथ अन्य विद्या में भी निपुण करते हैं।
उत्सव में बहनों ने सामूहिक गीत और भाव नृत्य प्रस्तुत कर सबों को मंत्रमुग्ध कर दिया।वहीं बहन अरुणिमा राज,मीतश्री,भैया प्रियांशु कुमार,अनमोल मिश्रा ने महर्षि वेदव्यास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।तनिष्का ने गुरू महिमा पर बधाई गीत प्रस्तुत किया।बच्चों ने महर्षि वेदव्यास जी पर पुष्प अर्पित कर गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा को निवेदित किया।मौके पर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव डॉ पवन मिश्रा एवं उपाध्यक्ष डॉ सतीश्वर प्रसाद सिन्हा ने आचार्य- दीदी एवं कर्मचारियों को वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख अरविंद कुमार त्रिवेदी, अजीत मिश्रा,राजेंद्र लाल बरनवाल,मनीष पाठक,राजेश नंदन,नागमणि सिंह एवं समस्त आचार्य-दीदी का सराहनीय योगदान रहा।