गिरिडीह झारखण्ड

सूरत से ट्रैन द्वारा रांची आए गिरिडीह जिले के कुल 17 अप्रवासी श्रमिकों/यात्रियों को वापस गिरिडीह लाया गया

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गिरिडीह: बढ़ते कोरोना संक्रमण एवं अन्य राज्यो में भी आंशिक लॉकडॉउन की स्थिति को देखते हुए अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों का गृह जिला वापस आना शुरू हो चुका है। ऐसे में विशेष सावधानी एवं एहतियात बरतने की आवश्यकता है। आज सुबह करीब 02:00 बजे ट्रेन से सूरत से हटिया(रांची) रेलवे स्टेशन आये गिरिडीह जिले के कुल 17 अप्रवासी श्रमिकों/यात्रियों को गृह जिला वापस लाने हेतु प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों के निगरानी में बसों के जरिए सभी अप्रवासी श्रमिकों/यात्रियों को गृह जिला वापस लाया गया। बसों में यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त मात्रा में फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर व अन्य जरूरत की सामग्रियां उपलब्ध कराई गई।
इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी, बेंगाबाद के नेतृत्व में सर्वप्रथम सभी यात्रियों को बेंगाबाद के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, सलैया, जरुआडीह परिसर में सुरक्षित स्थान पर उतारा गया, जहां सभी का नाम, पता, आधार संख्या, फोन नंबर आदि समुचित ब्यौरा इकट्ठा कर सभी यात्रियों का कोरोना जांच(रैपिड एंटीजन टेस्ट) किया गया एवं तत्पश्चात उन्हें बसों के जरिए उनके प्रखंड तक पहुंचाया गया।
गृहजिला वापस आये कुल 17 श्रमिकों में जमुआ प्रखंड के 10, तीसरी प्रखंड के 01 एवं बेंगाबाद प्रखंड के 06 श्रमिक थे। सभी श्रमिकों/यात्रियों का रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के पश्चात उन्हें सुरक्षित तरीके से उनके गांव के नजदीकी आइसोलेशन सेंटर/भवनों/विद्यालयों में क्वारंटाइन किया गया है।
इससे पूर्व उपायुक्त के निदेशानुसार सभी श्रमिकों/यात्रियों को बताया गया कि क्वारैंटाईन सेंटर के सरकारी नियमों का अक्षरश: अनुपालन करना अनिवार्य है। क्वारैंटाइन सेंटर के लिए भेजने से पहले प्रवासी मजदूरों को कोरोनावायरस(कोविड-19) से संक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु क्वारैंटाईन के दौरान बरती जानेवाली विशेष सावधानियों से अवगत कराया गया। उन्हें बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में कम से कम 2 गज की सामाजिक दूरी , साबुन से बार-बार कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोना और अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने के साथ हमेशा फेस मास्क लगाकर रहने की हिदायत दी गयी। साथ ही मास्क डिस्पोजल हेतु सही तरीके से अवगत कराते हुए उन्हें साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के प्रति जागरुक किया गया।