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कल इस साल 2020 का अंतिम सूर्य ग्रहण, भारत में इसका असर न के बराबर

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14 दिसंबर दिन सोमवार यानी कल इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका,अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 9 बजकर 43 मिनट पर अधिकतम रूप में हो जाएंगे। रात 12 बजकर 23 मिनट पर ग्रहण पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगा। सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे तक रहेगा।
ज्योतिष के पंडितों ने बताया कि सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा। वहीं, ग्रहण का नक्षत्र ज्येष्ठा है। इस कारण सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृश्चिक राशि और मिथुन राशि पर पड़ेगा। इसलिए इन दोनों ही राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। ग्रहण काल में सूर्य को देखने से आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है। जिसके कारण सूर्य को नंगी आंखों से ना देखें और संभव हो तो घर के दरवाजे खिड़कियां उस समय बंद कर दें। ताकि हानिकारक किरण घर के अंदर प्रवेश ना कर सके। सूतक का अर्थ है खराब समय या ऐसा समय जब प्रकृति ज्यादा संवेदनशील होती है, यह एक अनहोनी होने का भी संकेत माना जाता है। इस ग्रहण काल में ईश्वर का नाम और शांति की प्रार्थना करनी चाहिए। सूतक काल में किसी भी प्रकार का शुभ काम नहीं किया जाता है। इस समय मंदिरों के भी कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
ग्रहण काल के दौरान खाना पीना, शोर मचाना या किसी प्रकार का पूजा अनुष्ठान नहीं किया जाता है। खासकर ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इसका हानिकारक प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है। घर में रखे सामानों पर तुलसी के पत्ते रख देने से उस पर ग्रहण काल का असर नहीं पड़ता है। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर शुद्धि हो जाने पर अन्न का सेवन करें।