हरतालिका तीज पर आज पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखा जाएगा. भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करने से पहले कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखें. ये व्रत अविवाहित कन्याएं भी रख सकती हैं. ज्योतिर्विद श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि विधि विधान और इसके कठोर नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
*पूजन विधि*
हरतालिका तीज की पूजा शुभ मुहूर्त में करें. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू, रेत या काली मिट्टी की प्रतिमा बनाएं. पूजा के स्थान को फूलों से सजाएं और एक चौकी रखें. इस पर केले के पत्ते बिछाएं और भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार विधि से पूजन करें.
*तीज की सुनें कथा*
इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाएं और भगवान शिव को धोती और अंगोछा चढ़ाएं. बाद में ये सभी चीजें किसी ब्राह्मण को दान दें. पूजा के बाद तीज की कथा सुनें और रात्रि जागरण करें. अगले दिन सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें.
*हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त*
प्रातःकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक
प्रदोषकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 33 से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
तृतीया तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर 2021, रात 2 बजकर 33 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021 रात 12 बजकर 18 तक