गिरिडीह झारखण्ड

कोरोना के संभावित तीसरे लहर को देखते हुए गिरिडीह में तैयारियां शुरू, चाइल्ड फ्रेंडली वार्ड बनाने का निर्देश

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कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग एवं तैयार है। कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सीय उपचार एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर उचित प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सीय उपचार जिले में ही मिल सकें। इसी के मद्देनजर उपायुक्त ने पत्र प्रेषित कर सभी नोडल पदाधिकारी, हॉस्पिटल बेड मैनेजमेंट टास्क फ़ोर्स/सिविल सर्जन/उपाधीक्षक, सदर अस्पताल/सभी नोडल पदाधिकारी, निजी कोविड अस्पताल/सभी संचालक,प्रबंधक, निजी कोविड केयर अस्पताल को निर्देश दिया है कि कोरोना की संभावित तिसरी लहर 2 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित होगा। इसलिए हमें कोरोना की तिसरी लहर को लेकर पूर्ण रूप से सजग एवं तैयार रहने की आवश्यकता है। साथ ही हमें विशेष एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है। इसी के निमित्त तिसरी लहर की संभावना के मद्देनजर बच्चों की सुविधा एवं स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चाइल्ड फ्रेंडली वार्ड व अन्य चिकित्सीय उपचार पर विशेष देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी कोविड केयर अस्पतालों में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक डेडीकेटेड पेडियाट्रिक वार्ड स्थान का चयन करेंगे, जो जेनरल कोविड वार्ड से अलग होगा ताकि बच्चों को सुरक्षित दूरी पर रखते हुए उनका समुचित चिकित्सीय उपचार किया जा सकें। 2 से 18 वर्ष के बच्चों के उपचार हेतु आवश्यक चिकित्सीय सुविधाओं का आकलन कर इनकी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही 24×7 बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए। जिससे कि बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
इस बाबत उपायुक्त ने कहा कि डेडीकेटेड पेडियाट्रिक वार्ड का वातावरण इस प्रकार तैयार किया जाय कि छोटे बच्चें को वहां घर जैसा माहौल प्राप्त हो, जिससे कि बच्चें को किसी प्रकार का अकेलापन महसूस न हो।
उक्त डेडीकेटेड पेडियाट्रिक वार्ड में शौचालय की सुविधा, पेयजल की व्यवस्था तथा वार्ड एवं शौचालय की नियमित साफ सफाई कराई जाय। इसके अलावा डेडीकेटेड पेडियाट्रिक वार्ड सेवा प्रदान करने हेतु पूर्व में ही चिकित्सक एवं इनके सहयोग हेतु पारा मेडिकल स्टाफ को चिन्हित करना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही डेडीकेटेड पेडियाट्रिक वार्ड को बाला मॉडल के तर्ज पर तैयार किया जाय। आगनवाड़ी केंद्र की तरह इस वार्ड की दीवारों को मोटिवेशनल थीम्स एवं छोटे छोटे स्लोगन लिखे जाय, जिससे कि उस वार्ड में रहने वाले बच्चें को मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत बनाया जा सकें। उन्हें ऐसा प्रतीत हो जैसे वे अपने घर में है। इसके साथ ही डेडीकेटेड पेडियाट्रिक वार्ड की दीवारों पर कार्टून्स, पेंटिंग्स व अन्य मनोरंजक तस्वीरें का निर्माण किया जाय, ताकि बच्चें इस माहौल का भरपूर आनंद उठा सकें।
बच्चों के इलाज के दौरान तनाव मुक्त रखने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके से मजबूत रखने की आवश्यकता है। बच्चों की सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में कलरफुल बेडशीट, कलरफुल बर्तन, मग, प्लेट तथा बच्चों के साथ उनकी माता एवं देखभाल करने वालों हेतु उपयुक्त व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।