आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् गिरिडीह के द्वारा महान वैज्ञानिक सर जे सी बोस का जयंती झंडा मैदान स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनाई गई। इस दौरान पूर्व अभाविप कार्यकर्ता रंजित राय ने कहा कि महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का नाता हमारे गिरिडीह से गहरा रहा है अपने जीवन का अंतिम सास उन्होंने गिरिडीह की ही भूमि पर लिये थे।
उनका आज भी गिरिडीह में मकान है जिस मकान में उन्होंने अंतिम सांस लिया था उनके मकान में आज भी उनकी वह तिजोरी मौजूद है जिसे आज तक खोला नहीं गया है जेसी बोस के मकान को अब विज्ञान भवन बना दिया गया है इसी में वो तिजोरी रखी है दो बार इसे खोलने का कार्यक्रम जिला प्रशासन ने निर्धारित किया लेकिन दोनों बार मिसाइल मैन और देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक व उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद साहब नहीं आ सके नतीजा तिजोरी का रहस्य आज तक बरकरार है नगर मंत्री उज्जवल तिवारी ने कहा कि गिरिडीह सहित पूरे देश और दुनिया के लोग आज भी जानने को उत्सुक हैं कि आखिर तिजोरी में बॉस की क्या निशानी होगी क्या शोध होंगे।
कोई वैसी भी निशानियां होगी और जानकारियां होंगी जिससे दुनिया को नई दिशा मिलती मगर तकलीफ की बात है कि जिला प्रशासन के साथ ही यहां के चुने हुए तमाम जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का परिणाम है कि यह अलमारी अभी तक खुल नहीं पाया है।
तकलीफ तो तब होती है कि आज यहां के लोग इनके बारे में जानते तक नहीं है जरूरत है प्रशासन और यहां के बुद्धिजीवी वर्ग और तमाम जनप्रतिनिधि राजनीतिक दल के नेता लोग इस और अपना ध्यान नही दे रहे है।। मौके पर पूर्व कार्यकर्ता रंजीत राय, प्राचार्य मुन्ना कुशवाहा,नगर मंत्री उज्जवल तिवारी, सह मंत्री मंटू मुर्मू, बबलू यादव, रोहित बरनवाल, कॉलेज मंत्री नीरज चौधरी, विकाश वर्मा, संध्या मिश्र, विशाखा कुमारी गुलशन यादव, पृथ्वी कुमार, नीरज सिंह, सहित कई छात्र छात्राएं मौजूद थे।