शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याओं को दूर करता है योग, योग करने से फेफड़े तक पहुंचती हैं शुद्ध ऑक्सीजन
giridihupdatesComments Off on शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याओं को दूर करता है योग, योग करने से फेफड़े तक पहुंचती हैं शुद्ध ऑक्सीजन
Share This News
कोविड महामारी को देखते लाखों लोगों का मानसिक, आर्थिक और शारीरिक नुकसान हो रहा है। कई महीने बंदी में रहने के बाद लोगों में तनाव बढ़ता जा रहा है अवसाद के चलते कई लोगों ने देश में आत्महत्या तक कर ली है। ऐसे में अगर आप योग करना शुरु करें तो आपको काफी राहत मिल सकती है।
योगिक लवकुश एक विश्व योग प्रशिक्षक हैं जो पिछले कई सालों से अपने योग के क्रिया से लोगो को जागरूक करते रहते हैं। इसी कार्यक्रम के संबंध में योग सिखाने पहुंचे जमुआ प्रखंड के कोदम्बरी सिहोडीह जहां के ग्रामीणों ने योगाभ्यास किए और कोविड 19 महामारी से कैसे बचे का रहस्य सीखे।
योगिक लवकुश जी बताते हैं कि योगा करने से आपकी सेहत को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं−
● स्ट्रेस करें दूर!
● क्रोनिक दर्द को करें कम।
● वजन कम करने में सहायक।
● प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
(Boost immunity system)
● फेफड़े को मजबूत करता है।
● मधुमेह को कंट्रोल करता है।
इत्यादि।
चित्त की वृत्तियों को अनुशासित करना ही योग है। मन में असीम शक्ति है, पर सबसे अधिक दुरुपयोग हम इसी शक्ति का करते हैं। इससे 95% मानसिक शक्ति व्यर्थ चली जाती है। मन जितना शक्तिशाली होता है, उतना ही चंचल और अस्थिर भी होता है और इस चंचलता को नियंत्रित करने की योग से बेहतर शायद ही कोई दूसरी विधा हो। योग मन को नियंत्रित कर उसे दिशांतरित करने की तकनीक देता है।
सभी प्रतिभागियों को योग करे निरोग रहे का मंत्र दिए।
साथ ही सींह क्रिया, जल नेति एवम शीत कर्म का अभ्यास नित प्रति दिन करने का सूझाव दिए।
बताते चले की कोदम्बरी सिहोडीह के योग शिविर में सभी प्रतिभागियों ने मास्क एवम 2 फीट का शारीरिक दूरी बनाकर योगाभ्यास किए।
योग गुरु नित प्रति दिन किए जाने वाले कई आसान लोगो को बताएं और घर पर ही रह कर योग करने को कहे।
अवसाद रोगी को योगाभ्यास में, शशांकसन, वज्रासन, मकरासन, पश्चिमोत्तान आसन, सर्वांगासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, पवन मुक्तासन, शवासन का अभ्यास कराया चाहिए।
बताया गया कि योग गुरु लवकुश कि शिक्षा दीक्षा शांतिकुंज देव संस्कृति विश्वविद्यालय से प्राप्त किया है उनके आध्यात्मिक गुरु पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी है।